Home » धर्म / संस्कृति » सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी का महापर्व छठ पूजा

सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी का महापर्व छठ पूजा

सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी का महापर्व छठ पूजा

एक ऐसा त्यौहार जो चार दिन चलता है, कोई दंगा नहीं होता, इंटरनेट कनेक्शन नहीं काटा जाता, किसी शांति समिति की बैठक कराने की जरुरत नहीं पड़ती, चंदे के नाम पर गुंडा गर्दी नहीं होती और जबरन उगाही भी नहीं ! शराब की दुकाने बंद रखने का नोटिस नहीं चिपकना पड़ता, मिठाई के नाम पर मिलावट नहीं परोसी जाती है! उंच – नीच का भेद नहीं होता, व्यक्ति-धर्म विशेष के जयकारे नहीं लगते, किसी से अनुदान और अनुकम्पा की अपेक्षा नहीं रहती है, राजा रंक एक कतार में खड़े होते है, समझ से परे रहने वाले मंत्रो का उच्चारण नहीं होता और दान दक्षिणा का रिवाज नहीं है ।
*एक ऐसी पूजा जिसमें कोई* *पुजारी नहीं होता,*
*जिसमें देवता प्रत्यक्ष हैं*
*जिसमें ढूबते सूर्य को भी पूजते हैं,*
*जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे है,*
*जिसमें केवल लोक गीत गाते हैं,*
*जिसमें पकवान घर पर बनते हैं*,
*जिसमें घाटों पर कोई ऊँच नीच नहीं है,*
*जिसमें प्रसाद अमीर गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।*
*जिसमे प्रकृति संरक्षण का बोध होता है*
*जिसमे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिलती हो*
*ऐसे सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी के महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएं।*🙏🙏💐💐

SPP BHARAT NEWS
Author: SPP BHARAT NEWS

1
0

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

योगनिद्रा का दिव्य संदेश: देवशयनी एकादशी और ब्रह्मांडीय विश्राम का रहस्य

योगनिद्रा का दिव्य संदेश: देवशयनी एकादशी और ब्रह्मांडीय विश्राम का रहस्य > “यदा सृष्टिः क्रियते तदा विश्रामः अपि अनिवार्यः।” (जब