
खुदकुशी केस में फंसाने की धमकी देकर दरोगा ने पत्नी के नाम कराई बुजुर्ग की जमीन, महिला निकली जिंदा
पूरा मामला—धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग और सत्ता का दुरुपयोग:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद के खोराबार थाना क्षेत्र में एक पूर्व चौकी इंचार्ज दरोगा पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि उसने एक बुजुर्ग व्यक्ति लक्ष्मी नारायण को महिला की खुदकुशी के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर उसकी जमीन 13 लाख रुपये सर्किल रेट की जमीन मात्र 4 लाख में अपनी पत्नी के नाम रजिस्ट्री करा ली।
यह प्रकरण तब सामने आया जब लक्ष्मी नारायण को वह महिला जिंदा मिली, जिसके नाम पर उसे ब्लैकमेल किया गया था। इसके बाद उन्होंने एसपी सिटी को शिकायत पत्र देकर न्याय की मांग की।
घटना का क्रम:
– वर्ष 2023 में लक्ष्मी नारायण की जमीन को गांव की एक महिला द्वारा फर्जी कागज़ों के सहारे बेचे जाने की घटना हुई।
– उन्होंने इस मामले की शिकायत डांगीपुर चौकी में की, जहाँ तत्कालीन चौकी इंचार्ज (गाजीपुर निवासी दरोगा) ने उन्हें बुलाया।
– चौकी पर दरोगा ने धमकी दी कि जिस महिला की शिकायत की गई थी, उसने आत्महत्या कर ली है, और अब बुजुर्ग के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
– दरोगा ने कहा कि यदि जेल से बचना है तो मोबाइल बंद करके गायब हो जाओ।
– इसी दौरान एक स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर दरोगा ने दबाव बनाकर जमीन अपने परिचित के नाम एग्रीमेंट करवा दिया।
– फिर 9 नवंबर 2023 को उक्त जमीन दरोगा की पत्नी के नाम पर मात्र 4 लाख रुपये में रजिस्ट्री करा दी गई।
सच्चाई का खुलासा:
बाद में लक्ष्मीनारायण को वही महिला जीवित अवस्था में अपने घर में मिली। तब उन्हें पता चला कि उन्हें झूठ बोलकर और धमकाकर ब्लैकमेल किया गया है। उन्होंने इस धोखाधड़ी की शिकायत एसपी सिटी से की, जिसके बाद दरोगा व प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ जांच शुरू की गई है।
कानूनी विश्लेषण:
इस मामले में संबंधित आरोपियों पर निम्नलिखित भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं लागू हो सकती हैं:
– धारा 420 – धोखाधड़ी और विश्वासघात
– धारा 384 – ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली
– धारा 406/409 – आपराधिक विश्वासभंग (यदि सरकारी पद का दुरुपयोग सिद्ध हो)
– धारा 506 – आपराधिक धमकी
– धारा 120B – आपराधिक साजिश
– धारा 467, 468, 471 – जालसाजी, फर्जी दस्तावेज बनाना व इस्तेमाल करना
अगर यह सिद्ध होता है कि दरोगा ने अपने पद का दुरुपयोग कर संपत्ति हथियाने में मदद की, तो प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 के तहत भी कार्यवाही हो सकती है।
वर्तमान स्थिति:
– एसपी सिटी की निगरानी में जांच शुरू हो चुकी है।
– दरोगा से पूछताछ हो चुकी है, उसका बयान दर्ज किया गया है।
– मामले में प्रॉपर्टी डीलर की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
– पीड़ित द्वारा दस्तावेज़, गवाह और घटनाक्रम की टाइमलाइन दी गई है, जिसे साक्ष्य के रूप में शामिल किया जा रहा है।
यह मामला दर्शाता है कि पद की ताकत और कानून के डर का दुरुपयोग करके कैसे एक गरीब और बुजुर्ग व्यक्ति से उसकी कीमती संपत्ति हड़प ली गई। यदि जांच निष्पक्ष और गहन होती है, तो यह केस सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार, पुलिसिया दबाव और ग्रामीण संपत्ति विवादों के गंभीर पहलुओं को उजागर कर सकता है।

Author: SPP BHARAT NEWS
