
उम्मीद की मशाल और आत्मनिर्भर भारत की राह
जो लोग बार-बार कहते हैं कि समाज या देश का अब कुछ नहीं हो सकता, वे असल में अपनी हार मान चुके होते हैं। उनका निराशा में डूबा मन उम्मीद की रोशनी नहीं देख पाता। किंतु इतिहास का शाश्वत नियम है—यदि अंधेरा दस बार पुकारेगा तो उजाला बीस बार प्रत्युत्तर देगा।
निराशा केवल भ्रम है, जबकि आशा जीवन की सच्चाई है।
मानव सभ्यता ने हर संकट के बाद नया अध्याय लिखा है। हर अंधकार के बाद भोर आई है और हर पतन के बाद पुनर्निर्माण हुआ है। इंसानियत की यात्रा सदा बेहतर बनने की ओर अग्रसर रही है। हमें केवल विश्वास और कर्म की मशाल थामे रखना है, क्योंकि यही मशाल आने वाली पीढ़ियों का मार्ग प्रकाशित करेगी।
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आशा से आगे – कर्म का मार्ग
केवल आशा पर्याप्त नहीं है; उसे कर्म की ठोस ज़मीन चाहिए। और जब समाज तथा शासन मिलकर भविष्य का सपना गढ़ते हैं तो परिवर्तन संभव होता है।
आज भारत के सामने सबसे बड़ा अवसर है—वैश्विक टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता का।
सूचना-प्रौद्योगिकी से लेकर रक्षा और अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में सेमीकंडक्टर आधारभूत भूमिका निभाते हैं। यदि भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता है तो न केवल अर्थव्यवस्था में क्रांति आएगी, बल्कि भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भी भारत की स्थिति सुदृढ़ होगी।
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सेमीकंडक्टर: नई धुरी, नए भूभाग
सरकार के लिए यह समय है कि वह सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को प्राथमिकता दे।
इन राज्यों में उपलब्ध हैं—
विशाल और प्रशिक्षित होने योग्य मानव संसाधन
क्लीन वॉटर सप्लाई की क्षमता
ग्रीनफ़ील्ड इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की संभावना
और उच्च क्षमता वाला पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर
यदि इन क्षेत्रों को तकनीकी विकास की धुरी बनाया जाए तो क्षेत्रीय संतुलन बढ़ेगा और देश का संपूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम मज़बूत होगा।
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2025–2030 : स्पष्ट लक्ष्य
फेज़िंग रोडमैप
फेज़-1 : ATMP/OSAT, सेंसर, पावर-इलेक्ट्रॉनिक्स (SiC/GaN), PCB/सब-असेंबली
फेज़-2 : 180–65nm mature nodes, specialty fabs, डिस्क्रीट/एनालॉग
फेज़-3 : 40nm और आगे—हाइब्रिड/3D इंटीग्रेशन, heterogeneous packaging
एंकर-टार्गेट्स
हर राज्य में 1 बड़ा ATMP/OSAT + 2–3 मध्यम आकार के कंपोनेंट/सब-असेंबली प्लांट (पहले 24–36 माह में)
1 specialty fab (36–60 माह में)
आउटकम
5 वर्षों में 50–75 हजार रोजगार
$6–8 अरब निजी निवेश
घरेलू वैल्यू-ऐड में तेज़ वृद्धि
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साइट-रणनीति
उत्तर प्रदेश
लोकेशन : NOIDA–Greater Noida–YEIDA (Jewar) क्लस्टर + कानपुर–लखनऊ–आगरा बेल्ट
लॉजिस्टिक्स : ईस्टर्न DFC (Khurja–Dadri लिंक) + Jewar/DEL एयर-कार्गो
बिहार
लोकेशन : बिहटा (पटना), हाजीपुर–मुज़फ्फरपुर, बेगूसराय, गया
लॉजिस्टिक्स : Eastern DFC कनेक्टिविटी + पटना/गया एयर-कार्गो
पानी/संसाधन : गंगा बेसिन क्लीन-वॉटर पोटेंशियल
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“फर्स्ट-प्रिंसिपल” इन्फ्रास्ट्रक्चर
वॉटर : 2–10 MGD UPW, ≥85% रीसाइकिल, zero-liquid-discharge
पावर : 24×7, N-1 redundancy, 30–40% ग्रीन-PPAs
क्लीनरूम : ISO-14644 क्लस्टर + common chemicals park
ESG : ETP-STP, VOC नियंत्रण, rainwater harvesting
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नीति-पैकेज
1. कैपेक्स सपोर्ट : Centre (50%) + राज्य (20–25%)
2. Opex लाभ : पावर/वॉटर सब्सिडी, SGST रिइम्बर्समेंट, स्टाम्प ड्यूटी छूट
3. डिज़ाइन ईकोसिस्टम : DLI + राज्य टॉप-अप
4. सिंगल-विंडो क्लियरेंस : State Semiconductor Mission (SSM)
5. लोकल प्रोक्योरमेंट : राज्य-PSUs, EV-बस, मेडटेक में “India-made” चिप्स की प्राथमिकता
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टैलेंट-पाइपलाइन
UP : IIT-Kanpur, IIT-BHU, AKTU, IIIT-Allahabad → Semiconductor Finishing Schools
Bihar : IIT-Patna, NIT-Patna, BCE आदि → ATMP technician tracks
“Chip Gurukul” : 2-वर्षीय छात्रवृत्ति + 3-वर्ष सर्विस बॉन्ड
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100-दिन, 12-माह, 36-माह का रोडमैप
पहले 100 दिन : SSM लॉन्च, साइट-फ़्रीज़, 10 Global + 25 Domestic EOIs
12 माह : 2–3 एंकर ATMP/OSAT MoU, Design Hub, UPW प्लांट-1
36 माह : 1–2 ATMP प्रोडक्शन, 5–7 कंपोनेंट यूनिट्स, 25k+ वर्कफ़ोर्स trained
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निष्कर्ष
निराशा की आवाज़ें चाहे कितनी भी उठें, उम्मीद के गीत सदा प्रबल रहेंगे।
जब उम्मीद कर्म में बदलती है, तो वह केवल प्रकाश नहीं फैलाती—बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भाग्य का नक्शा भी गढ़ती है।
यही भारत के आत्मनिर्भर भविष्य की राह है—उम्मीद की मशाल और सेमीकंडक्टर क्रांति।

Author: SPP BHARAT NEWS
